लठमार होली कैसे खेली जाती है?
जबकि ब्रज में यह त्योहार 40 दिनों तक चलता है जिसकी शुरुआत राधा की जन्मभूमि बनारस से होती है इसके बाद देश के अन्य हिस्सों में मनाया जाता है इन 40 तरह की होली में से एक लट्ठमार होली भी खेली जाती है
जबकि ब्रज में यह त्योहार 40 दिनों तक चलता है जिसकी शुरुआत राधा की जन्मभूमि बनारस से होती है इसके बाद देश के अन्य हिस्सों में मनाया जाता है इन 40 तरह की होली में से एक लट्ठमार होली भी खेली जाती है
विदेश के पंखों में चार ब्लेड देखने को मिलती है क्योंकि ज्यादातर विदेशों की जलवायु ठंडी होती है चार ब्लेड वाले पंखे मध्यम गति से हवा फेंकते हैं और चार ब्लेड वाले पंखों का इस्तेमाल वेंटिलेशन के लिए किया जाता है दुनिया में सिर्फ तीन और चार ब्लेड वाले ही पंख नहीं है बल्कि 5 और 6 ब्लेड वाले पंखे भी होते हैं
भारत के पंजाब राज्य के जालंधर जिले में उप्पल भोपा गांव की हर छत पर एक से बढ़कर एक टंकी देखने को मिलेगी लोगों ने शेर, घोड़ा, जहाज, कमल जैसे पानी की टंकीयो का क्रेज दिखाई देता है पंजाब के जालंधर के आसपास से सबसे ज्यादा लोग विदेश में सेटल है
इन पुतलों को बिजूका कहते हैं बिजूका यहां रहने वालों की तन्हाई को दूर करने के लिए बनाए गए हैं लोगों ने अपनी पसंद के अनुसार बिजूका को घर, आंगन,खेत और सड़कों में खड़ा कर दिया है यहां तक की मछली पकड़ते बिजूका, बस स्टैंड पर बैठे बिजूका, स्कूलों में छात्र और शिक्षक के बिजूका डांस करते बिजूका दिख जाएंगे।
एक बार गांव में बारिश के दौरान वहां के लोगों को एक चट्टान मिली और जब लोगों ने उसे दबा कर देखा तो उससे खून बह रहा था और उसी रात गांव के मुखिया ने सपना देखा जिसमें भगवान शनि देव ने गांव में अपने नाम का मंदिर बनाने का आदेश दिया भगवान की एक शर्त थी की मंदिर में छत नहीं होगी।
होली, ऐसा त्यौहार जो बुराई से अच्छाई की जीत सीखाता होलीका दहन के अगले दिन हम एक दूसरे को गुलाल लगाकर होली खेलते हैं एक दूसरे से गले मिलकर शुभकामनाएं देते हैं, रंग-बिरंगे गुलाल अबीर मुखौटे और पिचकारी लोगों की खुशियों को बढ़ा देती हैं खुशी से पूरा भारत झूम जाता है वैसे हमारे भारत…
स्थानीय लोग आने जाने के लिए नाव का उपयोग करते हैं सैलानियों को अपनी कार गांव के बाहर पार्क करनी पड़ती है यह गांव पूरी तरह से नहरो से घिरा है इस गांव में लोगों ने छोटे-छोटे लकड़ी के पुल बना रखे हैं पुल की संख्या 180 है
इस लगाओ के पीछे उनका मानना है कि वहां के लोग बहुत मेहनत किया करते थे फिर भी उन्हें खुशहाली नहीं मिलती थी फिर इसी बीच पहाड़ों से कुछ बौने लोग आने लगे, उन्होंने वहां के लोगों को हौसला बढ़ाया और उन बौने लोगों का एल्फ कहा जाता है जर्मन में एल्फ का मतलब 11 होता है इसीलिए वह लोग 11 अंक को इतना महत्व देते हैं।
खड़ी खेती को आमतौर से खुली जगह इमारत व अपार्टमेंट की दीवारों पर छोटी फसल उगाने के लिए किया जाता है वर्टिकल ढांचे के नीचे पानी से भरा टैंक रखा जाता है टैंक के ऊपर दीवार पर छोटे-छोटे गमले होते हैं पंप के जरिए टैंक से कम मात्रा में पानी पहुंचाया जाता है पानी में पोषक तत्व मिला देते हैं
मरीन ड्राइव पर इन पत्थरों को 90 के दशक में लाया गया था प्रति एक पत्थर का वजन 8 से 10 किवंटल होता है और इन पत्थरों का मकसद शहर को समुद्र की लहरों से बचाना। असल में जब समुद्र की तेज लहरों से कंपन उत्पन्न होता है तो व