Headlines

वर्टिकल फार्मिंग या खड़ी खेती क्या होती है भारत में वर्टिकल फार्मिंग (खड़ी खेती)

खड़ी खेती एक ऐसी खेती जिसे दीवारों में किया जाता है और इसमें जमीन की आवश्यकता नहीं होती। यह खेती करने की ऐसी तकनीक है जिसमें न ज्यादा जगह और न ज्यादा मिट्टी चाहिए और इससे किसान लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं वर्टिकल खेती को शहरी खेती भी कहते हैं


क्या है वर्टिकल खेती
खड़ी खेती को आमतौर से खुली जगह इमारत व अपार्टमेंट की दीवारों पर छोटी फसल उगाने के लिए किया जाता है वर्टिकल ढांचे के नीचे पानी से भरा टैंक रखा जाता है टैंक के ऊपर दीवार पर छोटे-छोटे गमले होते हैं पंप के जरिए टैंक से कम मात्रा में पानी पहुंचाया जाता है पानी में पोषक तत्व मिला देते हैं ताकि पौधे जल्दी से जल्द बड़े प्रकाश के लिए LED बल्बों का उपयोग किया जाता है
इस तरह की खेती में ज्यादा पानी और मिट्टी की आवश्यकता नहीं होती। यदि आप खुली जगह में खेती करते हैं तो आपको तापमान का नियंत्रण करना होगा वर्टिकल फार्मिंग हाइड्रोपोनिक एक्वापोनिक्स और एयरोपोनिक्स माध्यमों का उपयोग होता है शहरों में चो बालकनी कई जगहों पर उगाई गई फसल भी खड़ी खेती का रूप है
इस तरह की खेती में लौकी, टमाटर, मिर्च, खीर पत्तेदार सब्जियां, धनिया आदि शामिल है।


खड़ी खेती की तकनीक
हाइड्रोपोनिक्स तकनीक
हाइड्रोपोनिक्स तकनीक में मिट्टी की आवश्यकता नहीं होती, इसमें पौधे मैग्नीशियम, पोटेशियम कैल्शियम, नाइट्रोजन आदि में डूबे होते हैं।
एक्वापोनिक्स तकनीक
एक्वापोनिक्स तकनीक में पौधे एक बंद लूप सिस्टम में जलीय जीवों के साथ पौधों को उगाया जाता है।
एयरोपोनिक्स तकनीक
इस तकनीक में न तो मिट्टी की आवश्यकता है और ना ही पानी की बल्कि इस तकनीक में पौधों को विकसित करने के लिए हवा का उपयोग किया जाता है जिसके माध्यम से पौधे पोषक तत्व को अवशोषित कर लेते हैं यह सबसे उपयुक्त तरीका है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *