गर्मियों में लू चलना किसे कहते हैं
गर्मियों में लू एक प्रकार की ऊष्मागत स्थिति होती है जो अधिक तापमान और अधिकतम धूप के कारण होती है। लू के दौरान, धूप के कारण वायुमंडल में तापमान बढ़ जाता है और वायुमंडल में गर्म हवा ऊपरी विभागों को हिलाकर नीचे ले जाती है।
यह ऊष्मागत स्थिति बाद में लू नामक आवेशित हवा के रूप में शरीर में प्रवेश करती है। इस हवा के प्रवेश के कारण, शरीर का तापमान बढ़ जाता है, जिससे शरीर की सामान्य क्रियाएँ प्रभावित होती हैं।
इससे बचाव के लिए, लोग ठंडे पानी का सेवन करते हैं, छाता या छावनी का उपयोग करते हैं, अधिक धूप में बाहर नहीं जाते हैं, और उचित कपड़े पहनते हैं।
लू कैसे लगती है?
गर्मी में लू लगने से शरीर में तापमान बढ़ जाता है, जिसके कारण शरीर की ठंडक की प्रक्रिया असंतुलित हो जाती है। यह शरीर के तापमान को बढ़ाकर रोग पैदा करने वाले स्थितियों में ले जाता है, जैसे कि लू का धमनी में बढ़ जाना, दस्त, उल्टी, सिरदर्द, चक्कर आना, या अधिकतम मामूली कठोरता के साथ श्वास लेने में परेशानी। इसलिए, लू के लक्षणों को गंभीरता से लेना चाहिए और अगर कोई लक्षण महसूस होता है तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
लू से कैसे बचे?
गर्मी में लू से बचाव के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय शामिल हैं:
- पानी की पर्याप्त मात्रा पीना: अपने शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिए ध्यान दें। रोजाना पानी, नारियल पानी, नींबू पानी आदि पिएं।
- ठंडे पदार्थों का सेवन: गर्मी के दिनों में ठंडे पदार्थ जैसे नींबू पानी, ठंडे दूध, फलों का रस, छाछ, आदि का सेवन करें।
- छाता या छावनी का उपयोग: बाहर निकलने के समय छाता या छावनी का उपयोग करें ताकि सीधे सूरज की धूप से बचा रहें।
- शीतल धाराएं: जहां उपलब्ध हो, वहां पानी की धाराएं, फव्वारे, या ताजगी वाले स्थानों पर जाएं।
- रूम कुलर या एसी का उपयोग: अपने घर में रूम कुलर या एसी का उपयोग करें ताकि आप अपने घर के अंदर ठंडा रह सकें।
- लू की सचेतता: लू के चलते बाहर जाने से बचें, खासकर दिन के अधिक गर्म समय में।
- ध्यान दें कपड़ों की पर्याप्तता का: धूपीय कपड़ों का उपयोग करें और छोटे-छोटे अंग को ढ़कने के लिए कुलर या कमीज का उपयोग करें।
यदि आपको लू के लक्षण महसूस हों, तो तुरंत ठंडे पानी का सेवन करें और चिकित्सक से संपर्क करें।