मच्छरों की जिंदगी अपने प्राकृतिक पर्यावरण में अधिकतर जल के निकट होती है। वे जल में पैदा होते हैं, पानी में पलना करते हैं, और अक्सर जल या उच्च नमी वाले स्थानों के आसपास ही रहते हैं। मच्छर अपना भोजन जल में पाए जाने वाले प्राणियों के रक्त से प्राप्त करते हैं।
मच्छरों की जीवनशैली में प्रजनन, भोजन, और संजीवनी जैसे कार्य होते हैं। समुद्री और स्थलीय मच्छरों में थोड़ा अंतर हो सकता है, क्योंकि वे अपने आवास के अनुसार विभिन्न प्रकार के पर्यावरण में रहते हैं।
ध्यान देने वाली बात है कि मच्छरों का एक प्रमुख अंश है कि वे खून को सोखते हैं, जिससे उनका संचारन कई प्रकार के रोगों को फैलाने के लिए जिम्मेदार हो सकता है।
मच्छरों की जीवनकाल विभिन्न प्रकार के मच्छरों के लिए अलग-अलग हो सकता है। उनकी जीवनकाल की अधिकता उनके पर्यावरण, प्राणी के प्रकार, और अन्य कई कारकों पर निर्भर करती है।
कुछ मच्छरों की जीवनकाल कुछ हफ्तों तक हो सकती है, जबकि अन्य लंबे समय तक जीवित रह सकते हैं, जैसे कि कुछ मच्छर पूरे साल तक जीवित रह सकते हैं। उनका जीवनकाल विभिन्न अवस्थाओं और परिस्थितियों के आधार पर भी बदल सकता है।
मच्छरों की ऊंचाई पर उड़ने की क्षमता उनकी जाति और प्राणी के विकासात्मक चरित्रिस्तर पर निर्भर करती है। सामान्यतः, मच्छरों की उड़ान की ऊंचाई कुछ सेंटीमीटर से लेकर कई मीटर तक हो सकती है। कुछ प्रकार के मच्छर अपने प्राणी के साथ संबंधित काम के लिए ऊँचे आकाश में उड़ सकते हैं, जबकि अन्य उच्चायुक्ति नहीं होती है और उन्हें संदर्भित स्थान तक ही उड़ान मिलती है।
मच्छरों की भिन्न-भिन्नाता उनके पर्यावरण, आहार, जीवनकाल, और आकृति के आधार पर होती है। जितने भी प्रकार के मच्छर होते हैं, उनमें अलग-अलग प्रकार के आहार पर विशेषित अनुकूलन होता है और उनकी शारीरिक संरचना भी अलग-अलग होती है।
इसके अलावा, विभिन्न प्रकार के मच्छर अलग-अलग जीवनकाल और विकास चक्र के साथ अलग तरह के आवासीय और संभावनात्मक परिस्थितियों में विकसित होते हैं। ये विशेषताएँ उन्हें अपने विशेष प्राकृतिक पर्यावरण में अधिक उत्तरदायी बनाती हैं और उन्हें उनके आसपास के संरचनाओं और संदर्भों से संबंधित बनाती हैं।