भारतीय रेलवे में रोज लाखों लोग यात्रा करते हैं भारतीय रेलवे नेटवर्क एशिया का पहला और दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है आप तो या जानते ही हैं की ट्रेन में 22-24 डिब्बे को एक साथ एक इंजन कंट्रोल करता है जिसमें हजारों यात्री सफर करते हैं लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि क्या होगा अगर ट्रेन का ड्राइवर गलती से भी सो गया क्या ट्रेन किसी बड़े हादसे का शिकार होगी आइए जानते हैं।
ट्रेन में होते हैं दो ड्राइवर
ट्रेन में हमेशा दो ड्राइवर होते हैं जिसमें लोको पायलट और दूसरा असिस्टेंट लोको पायलट होता है अगर किसी वजह से लोगों पायलट को नींद आ जाती है या फिर तबीयत खराब हो जाती है तो असिस्टेंट लोको पायलट ट्रेन की कमान अपने हाथ में ले लेता है
क्या होगा अगर दोनों लोको पायलट सो जाएं?
क्या होगा अगर दोनों लोको पायलट सो जाएं क्या इससे ट्रेन बड़े हादसे की शिकार हो जाएगी। हालांकि, ऐसा होने की संभावना बहुत कम है दरअसल ट्रेन को इस तरह से बनाया गया है कि ऐसी स्थिति में कंट्रोल रूम को इसकी जानकारी मिल जाएगी ट्रेन चलाते समय लोको पायलट थोड़ी-थोड़ी देर में ट्रेन की स्पीड तेज धीमी करनी होती है और हॉर्न बजाना होता है अगर ट्रेन ड्राइवर 1 मिनट तक कोई मूवमेंट ना करे तो ट्रेन में लगा डिवाइस एक्टिव हो जाता है इसे विजीलेंस कंट्रोल डिवाइस कहा जाता है तब यह डिवाइस अलार्म देता है अगर ड्राइवर 17 सेकंड के अंदर रिस्पांस नहीं देता है तो ट्रेन में खुद ब खुद ब्रेक लगने लगता है तो कुछ इस तरह अगर दोनो लोको पायलट सो भी जाते हैं तो ट्रेन किसी दुर्घटना का शिकार नहीं होगी।