बस हो या कार कोई भी परिवहन चलाते समय चौकन्ने रहना जरूरी है क्योंकि एक भी झपकी दुर्घटना का कारण बन सकती है लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि हजारों किलोमीटर ऊंचाई पर उड़ते हवाई जहाज का पायलट को नींद आ गई तो क्या होगा कुछ ऐसा ही मामला सामने आया था जहां इथियोपिन एयरलाइंस के विमान का पायलट सो गया था तब विमान 37000 फीट की ऊंचाई पर था तब ट्रैफिक कंट्रोल ने उन्हें चेतावनी दी थी तब भी उन्होंने नजर अंदाज कर दिया लेकिन प्लेन क्रैश नहीं हुआ क्योंकि जब पायलट सो जाते हैं तब प्लान ऑटो पायलट मोड में चला जाता है यानी प्लेन मशीन के आदेश पर चल रहा होता है।
क्या पायलट को उड़ान के दौरान सोने की अनुमति होती है
अब यह सवाल उठता है कि क्या पायलट को उड़ान के दौरान सोने की अनुमति होती है तो हकीकत यह है कि आमतौर पर लंबी उड़ान पर अनुमति दी जाती है लेकिन इसमें भी सख्त नियम है ट्रैफिक कंट्रोल की बराबर नजर होती है।
कितना खतरनाक है ऑटो पायलट
ऑटो पायलट की सफलता पायलट के ज्ञान और अनुभव पर निर्भर करती है अगर इसे गलत तरीके से प्रोग्राम किया तो ये मौत का कारण बन सकता है अमेरिकी वायु सेवा के पूर्व पायलट के अनुसार ऑटो पायलट गूंगे और कमांडिंग सैनिक होते हैं अगर उन्हें गलत इनपुट मिला और उन्होंने स्वीकार कर लिया तो या आपको मौत के घाट उतार सकता है इसीलिए अगर आप विमान उड़ाने की कला से पारंगत नहीं है तो ऑटो पायलट का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।