धूप में मौजूद uv रेडिएशन विटामिन D के संश्लेषण में सहायता करता है और स्किन को नुकसान पहुंचा सकता है इसीलिए मेलानिन अधिक मात्रा में होता है
अब आते हैं कि अरब देशों में इतनी गर्मी होने के बाद भी लोग गोरे कैसे हैं इन सब के पीछे जैविक, भौगोलिक और विकासवादी कारक काम करते हैं अरब देश में ज्यादा गर्मी होती है पर अरब देश एशिया महाद्वीप के पश्चिम में स्थित है मतलब अफ्रीका के नीचे अर्थात यह ना तो भूमध्य रेखा पर है और ना ही कर्क रेखा पर इसीलिए अरब देश में गर्मी सिर्फ गर्मियों के मौसम में दिन के समय होती है और रात में रातें ठंडी होती हैं इससे उनकी त्वचा पर यूवी रेडिएशन का इतना खतरा नहीं होता है डार्क त्वचा अफ्रीकी देशों में अधिक होती है और एशिया के विभिन्न देशों में विविधता है पर अरब देशों में सब जगह गोरी स्किन नहीं होती जैसे बहरीन, इजिप्ट में कुछ जगह पर।