मंदिर वह स्थान है जहां जाकर हमें मन की शांति मिलती है और हमें अपने अंदर शक्ति का एहसास कराती है, हमारा मन मस्तिष्क उत्साह से भर जाता है। मंत्र घंटे और शंख की आवाज मन को अच्छी लगती है इन सभी चीजों के पीछे वैज्ञानिक कारण है। मंदिर का निर्माण पूरी तरह वैज्ञानिक होता है मंदिर का वास्तुशिल्प ऐसे बनाया जाता है जिससे वहां शांति और दिव्यता बनी रहे। मंदिर का गर्भग्रह जहां मूर्ति को रखा जाता है उसे ध्वनि सिद्धांत से बनाया जाता है उसे गुंबद कहा जाता है गुंबद और मूर्ति का केंद्र एक होता है। मंदिर की पवित्रता हमें प्रवाहित करती है और इसी तरह शुद्धता रखने की प्रेरणा मिलती है।
1-घंटा
पूजा और मंदिर में घंटी बजाने के धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों कारण है वैज्ञानिकों के अनुसार घंटी की वजह से वातावरण में कंपन उत्पन्न होता है जो वायुमंडल में काफी दूर तक जाता है जिसके कारण इसके रास्ते में आने वाली सभी जीवाणुओं और टॉक्सिक आदि नष्ट हो जाते हैं और आसपास संपूर्ण वातावरण शुद्ध हो जाता है जैसे ही आप घंटा बजाते हैं उसे एक तेज आवाज पैदा होती है और यह आवाज 10 सेकंड तक गूंजती है गंज की अवधि शरीर के साथ हीलिंग सेंटर को एक्टिवेट करने की काफी अच्छी होती है और इससे एकाग्रता भी बढ़ती है घंटी की ध्वनि उस जगह को पवित्र बना देती है इतना ही नहीं घंटी की आवाज से हम देवी देवता का आवाहन भी करते हैं।
2-शंख
शंख सनातन धर्म का प्रतीक है पूजा में इसे रखने की परंपरा सदियों से चली आ रही है शंख बजाने के लिए हमें अपने मुंह से फूंक मारनी पड़ती है जिससे हमारे फेफड़े मजबूत बनते हैं साथ ही सांस लेने की समतल में सुधार होता है स्वास्थ्य से कई समस्या दूर हो जाती हैं शंख की ध्वनि मेंटली रिलैक्स पहुंचाती है शंख बजाने से गाल फूल जाते हैं जिससे खिंचाव महसूस होता है इससे झुर्रियां कम होती हैं और चेहरे पर चमक आती है।
3- हाथ जोड़कर प्रार्थना
दोनों हाथों को मिलाने से सभी उंगलियों के पॉइंट एक दूसरे से जुड़ते हैं जो पॉइंट आंख, कान और दिमाग के दबाव बिंदु से जुड़ती है हृदय चक्र और आज्ञा चक्र जागृत होते हैं इससे पाचन शक्ति भी बढ़ती है।
4- माथे पर तिलक
हमारा शरीर में 7 ऊर्जा चक्र होते हैं हमारे मस्तिष्क के बीच आज्ञा चक्र होता है इस चक्र पर हमारे शरीर की तीन नाड़ियां ऐडा, पिंगला, शुस्नुता जाकर मिलती है इसीलिए इसे हमारे शरीर का अहम स्थान माना जाता है प्रतिदिन इस चक्र पर तिलक लगाने से हमारे शरीर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और बुद्धि और एकाग्रता बढ़ती है।
5- आरती और हवन
रोज मंदिर जाने और भगवान की आरती करने से ब्रेन फंक्शन सुधरते हैं जिससे डिप्रेशन दूर होता है हवन में बहुत सारी जड़ी-बूटियां डाली जाती हैं जिसे निकलने वाला धुआं वायु में मौजूद कीटाणु को खत्म करने में कारगर होता है साथ ही इससे व्यक्ति को सांस संबंधी बीमारियां से भी छुटकारा मिलता है।