राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा होते ही 57 मुस्लिम मुल्कों से बना OIC में हड़कंप मच गया। हद तो तब हो गई जब वह OIC यानी ऑर्गेनाइजेशन आफ इस्लामिक कॉरपोरेशन में अयोध्या में राम मंदिर के विरोध में कहा कि “पहले पांच सदियों से बाबरी मस्जिद खड़ी थी। भारतीय शहर अयोध्या में जिस जगह पर पहले बाबरी मस्जिद ढहाई गई थी, वही राम मंदिर का निर्माण और इसकी प्राण प्रतिष्ठा गंभीर चिंता का विषय है। OIC इन कदमों की निंदा करता है जिनका लक्ष्य बाबरी मस्जिद जैसे महत्वपूर्ण इस्लामी इस्लामी स्थलों को मिटाना है।” हैरानी की बात तो यह है जहां OIC राम मंदिर का विरोध कर रहा है वहीं जब तुर्की ने एक चर्च को मस्जिद से में तब्दील कर दिया गया था तो यह तुर्की के इस काम पर OIC चुप्पी साधे बैठा रहा था। इधर देश में कई हिंदू संगठन ने राम मंदिर का विरोध करने में OIC की निंदा की है और हैरानी की बात तो यह है कि जहां OIC राम मंदिर का विरोध में जुटा था वहीं दूसरी तरफ आस्ट्रेलिया, फ्रांस, ताइवान, कनाडा जैसे समेत दुनिया के 55 देश में राम मंदिर को लेकर जश्न मनाया गया अब देखना होगा कि राम मंदिर पर OIC, इस बयान तक सीमित रहेगा या फिर भारत इस पर सख्त प्रक्रिया देगा।
OIC क्या है?
OIC का पूरा नाम ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कॉरपोरेशन है। इस संगठन का गठन 1969 में हुआ था। यह संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ की स्थायी जिम्मेदारी लेता है और इसकी तीन आधिकारिक भाषाएँ हैं। अरबी, अंग्रेजी और फ्रेंच और इसका मुख्यालय जिंदा सिटी, सऊदी अरब में है। वर्तमान में इसके सचिव हुसैन ब्राहिम ताहा हैं। OIC के कुल 57 देश सदस्य हैं। आपको बता दें कि संयुक्त राष्ट्र के बाद यह सबसे बड़ा संगठन है।